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*** इच्छा *** सपनों को लगे हैं पंख मुझे अब उड़ने दो

*** इच्छा ***
सपनों को लगे हैं पंख
मुझे अब उड़ने दो 
रोको न, टोको न मुझे 
हवा के संग बहने दो 

तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे 
अब हुई हूँ मैं आज़ाद 
जीना तो मैं भूल चुकी थी 
बस करती रही मैं फरियाद 

लहुलूहान होती रही 
मन में विश्वास की जगाती रही मैं ज्योत 
चूर -चूर हो गया भरम 
जब जाना उसके लिए हो चुकी है मेरी मौत 

ऐसे रिश्तों का अर्थ ही क्या 
ज़िसमें न हो प्यार की महक 
बस बसती हो अंगारों 
और अंगारों की दहक 

तोड़ दिया मैंने समाज की रश्मों को 
तोड़ दी झूठे वादे औ कसमों की दीवार 
चली हूँ किस्मत का लिखा बदलने अपने होंसलों से 
ए ज़िन्दगी अब छेड़ दी है मैने तुझसे रार 

जीत के दिखाऊँगी 
मंजील को पाऊँगी *** इच्छा ***
सपनों को लगे हैं पंख
मुझे अब उड़ने दो 
रोको न, टोको न मुझे 
हवा के संग बहने दो 

तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे 
अब हुई हूँ मैं आज़ाद
*** इच्छा ***
सपनों को लगे हैं पंख
मुझे अब उड़ने दो 
रोको न, टोको न मुझे 
हवा के संग बहने दो 

तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे 
अब हुई हूँ मैं आज़ाद 
जीना तो मैं भूल चुकी थी 
बस करती रही मैं फरियाद 

लहुलूहान होती रही 
मन में विश्वास की जगाती रही मैं ज्योत 
चूर -चूर हो गया भरम 
जब जाना उसके लिए हो चुकी है मेरी मौत 

ऐसे रिश्तों का अर्थ ही क्या 
ज़िसमें न हो प्यार की महक 
बस बसती हो अंगारों 
और अंगारों की दहक 

तोड़ दिया मैंने समाज की रश्मों को 
तोड़ दी झूठे वादे औ कसमों की दीवार 
चली हूँ किस्मत का लिखा बदलने अपने होंसलों से 
ए ज़िन्दगी अब छेड़ दी है मैने तुझसे रार 

जीत के दिखाऊँगी 
मंजील को पाऊँगी *** इच्छा ***
सपनों को लगे हैं पंख
मुझे अब उड़ने दो 
रोको न, टोको न मुझे 
हवा के संग बहने दो 

तोड़ कर झूठी चाहत की जंजीरे 
अब हुई हूँ मैं आज़ाद