सितारा किसी नेक की तलाश में सितारा बन गए है सब, फ़लक जमी से उठे तो है... पर अधूरे बन गए हैं सब, किसी नेक की तलाश में सितारा बन गए है सब। दागीले चाँद की तलाश में, हर एक कि जिंदगी गुमनाम है, हज़ारो आबाद यहाँ, पर अपने आप मे बर्बाद है, सुकून का बंटवारा जहन में समेटे है, हर किसी का हक़ मारकर अपनी ओर लपेटे है, किसी नेक की तलाश में सितारा बन गए हैं सब , फ़लक जमी से उठे तो है... पर अधूरे बन गए है सब। ©Krishna Soni #सितारा #कृष्णासोनी #krishnasoni #Krishna #WForWriters