हर सुबह इक खाली कागज़ सी है आती सामने रात तक भर जाता जो लम्हों के उलझे जाल से इक समय ऐसा भी हो सुलझा लूँ सारी उलझनें ज़िन्दगी की नोटबुक को जाँच लूँ आराम से #अंजलिउवाच #YQdidi #सुबह #खालीकाग़ज़ #उलझनें #नोटबुक