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इत्र की हाजत नही, एक ख़त तुम्हारा काफ़ी है। मत दो

इत्र की हाजत नही,
एक ख़त तुम्हारा काफ़ी है।
मत दो इतनी दुआएं हमको,
एक नाम तुम्हारा काफ़ी है।
क्या लगाऊं दीप भवन मे, 
इबादत तुम्हारी काफ़ी है।
तालिब नही के जन्नत मिले,
बस साथ तुम्हारा काफ़ी है।
हो दिन मेरा विरक्त अगर
दीदार तुम्हारा काफ़ी है।
मै झूम रही हूं मस्त मगन,
खयाल तुम्हारा काफ़ी है।
क्या पड़ा है नजारों में
नज़रें तुम्हारी काफ़ी है।
तुम ख़ूब संवर लो जान मगर,
मुस्कान तुम्हारी काफ़ी है। The bestest thing in the world Is when your feelings are mutual...❤️✨

THANKS for missing my quotes dear...Animesh Sah 🤗🤗💜💜✨✨✨✨💜💜✨✨✨✨💜💜


Pic credit: Google....
इत्र की हाजत नही,
एक ख़त तुम्हारा काफ़ी है।
मत दो इतनी दुआएं हमको,
एक नाम तुम्हारा काफ़ी है।
क्या लगाऊं दीप भवन मे, 
इबादत तुम्हारी काफ़ी है।
तालिब नही के जन्नत मिले,
बस साथ तुम्हारा काफ़ी है।
हो दिन मेरा विरक्त अगर
दीदार तुम्हारा काफ़ी है।
मै झूम रही हूं मस्त मगन,
खयाल तुम्हारा काफ़ी है।
क्या पड़ा है नजारों में
नज़रें तुम्हारी काफ़ी है।
तुम ख़ूब संवर लो जान मगर,
मुस्कान तुम्हारी काफ़ी है। The bestest thing in the world Is when your feelings are mutual...❤️✨

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