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मम गुरु विद्यागुरु गुरु सूर्य है बड़े अम्बर से ह

मम गुरु विद्यागुरु 

गुरु सूर्य है बड़े अम्बर से है वो विशाल.
गुरु गरिमा से नहीं है कोई बड़ा आकार.
पल पल हमको गढ़ रहे, मूरत होती तैयार
विद्यागुरु का सान्निध्य ही हैं बड़ा उपहार.

©वैभव जैन #विद्या गुरु
मम गुरु विद्यागुरु 

गुरु सूर्य है बड़े अम्बर से है वो विशाल.
गुरु गरिमा से नहीं है कोई बड़ा आकार.
पल पल हमको गढ़ रहे, मूरत होती तैयार
विद्यागुरु का सान्निध्य ही हैं बड़ा उपहार.

©वैभव जैन #विद्या गुरु