प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचै: प्रारभ्य विघ्नविहता विरमन्ति मध्या: । विघ्नै: पुन: पुनरपि प्रतिहन्यमाना: प्रारब्धमुत्तमजना न परित्यजन्ति || ------------------ भर्तुहरी रचित नीतिशतकम् - २७ ------------------ #sanskrit #india #culture #neetishataka #problem #hardwork #success #struggle