पूरी शिददत से टूटकर बिखर जाना ही ज़िन्दगी का मेरा दूसरा अर्थ है, हालात तो अब ऐसे हो गए है कि हम खुद को संभालने में भी असमर्थ है, शिकायत,सिकवा-गीला क्या करे, जब हम खुद! खुद का साथ नही दे सकते तो किश्मत और नसीब पे अपेक्षा करना व्यर्थ है.... #mithlesh... ©k.mithlesh #full_broken... #alone