वो वादा भी क्या वादा था किसी के शाम का वादा था वो बेवफ़ा हो गया इश्क़ करते करते न जाने क्या इरादा था वो मसरूफ़ था या था मशगूल न जाने क्या वो चाहता था वो दरिया मोहब्बत का था नाख़ुदा से उसका नाता था जीता था वो जिंदादिली से फ़िर भी वो क्यों घबराता था वो था हमनवा मेरा न जाने क्यों फिर मुझसे दूर जाता था ज़ुम्बिश दिल की ज़मीं में वो क्यों अक़्सर फ़िर आता था 'सफ़र' पर जब मैं जाता था मुझे तन्हा वो कर जाता था ज़ुम्बिश- कंपन, vibration नाख़ुदा- boatman किसी के शाम का वादा #shamkawada #collab #yqbhaijan #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan #yqbaba #yqdidi Ujjwala Sinha पू J A