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आरजू लेकर दीदार-ए-यार की मेरा दिल तड़प रहा था, तुझ

आरजू लेकर दीदार-ए-यार की मेरा दिल तड़प रहा था,
तुझसे मिलने के लिए दिल में एक शोला भड़क रहा था।

रात और दिन दुआ में खुदा से हमने बस तेरी ही ख्वाहिश थी,
मिल जाए तू एक बार देख लूँ नजर भरके यही फरमाइश थी।

तुझसे मिलने के इंतजार में घड़ियाँ बिताना मुश्किल था,
हो रहा था दिल बेकरार हाल-ए-दिल छुपाना मुश्किल था।

एक-एक पल सदियों से भी लंबा लगने लगा था मुझे,
देख कर तेरा चांँद सा मुखड़ा दिल को क़रार आया मुझे।

तुझे देखकर लगा प्यासे दिल की सदियों की प्यास बुझ गयी,
खुदा से मांँगी हुई मन्नत के रूप में जब मुझे तू मिल गयी। ♥️ Challenge-652 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
आरजू लेकर दीदार-ए-यार की मेरा दिल तड़प रहा था,
तुझसे मिलने के लिए दिल में एक शोला भड़क रहा था।

रात और दिन दुआ में खुदा से हमने बस तेरी ही ख्वाहिश थी,
मिल जाए तू एक बार देख लूँ नजर भरके यही फरमाइश थी।

तुझसे मिलने के इंतजार में घड़ियाँ बिताना मुश्किल था,
हो रहा था दिल बेकरार हाल-ए-दिल छुपाना मुश्किल था।

एक-एक पल सदियों से भी लंबा लगने लगा था मुझे,
देख कर तेरा चांँद सा मुखड़ा दिल को क़रार आया मुझे।

तुझे देखकर लगा प्यासे दिल की सदियों की प्यास बुझ गयी,
खुदा से मांँगी हुई मन्नत के रूप में जब मुझे तू मिल गयी। ♥️ Challenge-652 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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