जबरन का ज़हर कुछ भी हो पीता नहीं, मैं ज़माने की शर्तों पे जीता नहीं, देखे जाते नहीं मुझसे हारे हुए इस्लिये मैं कई ज़ंग जीता नहीं! ©sudhakar jha किसी को हरा के खुद खुश होना ये मुझ में नही है #sudhakarjha