मेरी रूह को तार तार कर दिया उस जालिम ने, ना तो वो हिन्दू था ना मुसलमान। चिख्ती चिल्लाती रही मै, मेरा रेप करता रहा वो हैवान। जिस्म के घाव तो भर जाएंगे मेरे वक़्त के साथ, मन के ज़ख्मो का क्या , दिला पायेगा इन्साफ क्या मुझको, ये दुनिया का भगवान । -मॉर्गन मल्ला मेरी रूह को तार तार कर दिया उस जालिम ने, ना तो वो हिन्दू था ना मुसलमान। चिख्ती चिल्लाती रही मै, मेरा रेप करता रहा वो हैवान। जिस्म के घाव तो भर जाएंगे मेरे वक़्त के साथ, मन के ज़ख्मो का क्या , दिला पायेगा इन्साफ क्या मुझको, ये दुनिया का भगवान ।