मेरे हंसने की वजह न पूछो मेरे खिलने की वजह न पूछो। मैं उड़ जाती हूँ यू हीं परिंदों की तरह मेरे उड़ने की वजह न पूछो। मैंने अपने ही अनुभवों से सिखा है खिल जाने की कला। मैंने अपने ही अनुभवों से पाया है उड जाने की कला। मैं हरेक लम्हें को उतारना चाहती हूँ इस ब्रह्मांड में। मैं हरेक लम्हें को समेटे रखना चाहती हूँ इस ब्रह्मांड में। खुशी