डर इंसान को दीमक की तरह खा जाता है। ठीक वैसे ही घमंड कार्य कुशलता को खा जाता है। डर इंसान को दीमक की तरह खा जाता है। ठीक वैसे ही घमंड कार्य कुशलता को खा जाता है।