आगाज़ से पहले अंजाम देख लेता हूँ । हर ख़ास सी बात में कुछ आम देख लेता हूँ। ज़िंदगी बहुत बेफ़िक्र हो गई है, बड़े ही सुक़ून से सुबह-ओ-शाम देख लेता हूँ । ~prbl~ [ read full ] ट्रेन के दरवाज़े पर बैठा हूँ, ज़िंदगी गुज़र रही है। महज अपनी नही ज़िंदगियाँ तमाम देख लेता हूँ । ऊँचे-नीचे टीलों के बीच पटरियाँ सीधी हैं मेरी, मेहनत से कोसों दूर आराम देख लेता हूँ। #Story #nojotohindi #nojotoshaayri #my_life_now_a_days आगाज़ से पहले अंजाम देख लेता हूँ । हर ख़ास सी बात में कुछ आम देख लेता हूँ। ज़िंदगी बहुत बेफ़िक्र हो गई है, बड़े ही सुक़ून से सुबह-ओ-शाम देख लेता हूँ ।