हमरे राम किए नहीं कौनो भेद रे सखी पशु,नर-नारी,पेड़-पौधा सब एक री सखी! जहाँ रीछन के राजा जामवंत भए कपि पुज्यनीय वीर हनुमंत भए, तुलसी पौधा पावन,पीपल देवन को दर प्रपात,झरना,नदी कूप सब नीक री सखी! सबरी सबकी माता बन गईं पक्षी बन गए गिद्धराज जटायू, धोबी,केवट,निषाद नेह से पुलकित, पावन धाम अवध मनजीत री सखी! क्लेश न रखे जो मन मी कोऊ, जाको नाम में सब भए एक री सखी हमरे राम ना किए कौनो भेद री सखी,! सारे जग के प्राणी राममीत री सखी!! ( योगिनी जौनपुरी) #Nojoto #nojotonews #जय_श्री_राम #मुझमें राम तुझमें राम सब में राम समाया,सबसे कर ले प्रीत जगत में कोई नहीं पराया!!! कवि राहुल पाल आशुतोष यादव Varsha Singh(शिल्पी शहडोली)