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अभिशाप नहीं हूँ ना ही कलंक हूँ कोई ख़ुद की पहचान

अभिशाप नहीं हूँ 
ना ही कलंक हूँ कोई
ख़ुद की पहचान चाहती हूँ
अपना मकाम चाहती हूँ
अलग हूँ पर अलग नहीं 
तुम्हारे बाग की शान चाहती हूँ
अपनी पहचान चाहती हूँ।

©Aishani शान हूँ, पहचान चाहती हूँ...! 

#standout
अभिशाप नहीं हूँ 
ना ही कलंक हूँ कोई
ख़ुद की पहचान चाहती हूँ
अपना मकाम चाहती हूँ
अलग हूँ पर अलग नहीं 
तुम्हारे बाग की शान चाहती हूँ
अपनी पहचान चाहती हूँ।

©Aishani शान हूँ, पहचान चाहती हूँ...! 

#standout