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तेरी तस्वीर तेरी तस्वीर को निहारता रहता हूं इस उम

तेरी तस्वीर

तेरी तस्वीर को निहारता रहता हूं इस उम्मीद में,
कि तू निकल बाहर उससे कभी
 तुझे याद करने का हिसाब तो पूछेगी।

मैं फक्र से गिनाऊंगा एक एक लम्हा
 गुजारा इंतेजार में तेरे, 
ली कितनी सिसकियां, 
भिगोए कितने तकिए मैंने, 
बहा आंसू प्यार में तेरे।

तुझे यकीन करने मोहब्बत पर मेरी
 करूंगा मजबूर मैं,
मेरी याद में जरूर तू 
अपनी आंखें मूंचेगी।

तेरी तस्वीर को निहारता रहता हूं इस उम्मीद में,
कि तू निकल बाहर उससे कभी 
तुझे याद करने का हिसाब तो पूछेगी।

©Ravindra Singh
  तेरी तस्वीर...

तेरी तस्वीर... #Poetry

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