एक शाम थी ढली रोशन थी गली । चाँद तो था पर चाँदनी न थी दीप्त था दीप पर दीप्ति न थी क्योंकि मैं तो था पर तू न थी #चाँद #रोशनी #दीप्ति #दीप्त #गली