सबकी भव बाधा हरो, मोदी फिर से आय। काम दिखाओ जोर के, सभी भरम मिट जाय।। सभी भरम मिट जाय,गरीबी नहीं रहे जी। ना किसान रो पाय,इन्हीं के दुक्ख हरो ही।। चोर नहीं बच पाय,जतन कितने भी करले। अब बिपक्ष हिल जाय,जेब कितनी भी भरले।। भारत भूषण झा"भरत"