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सुबह से शाम होने को हैं तेरी यादें अभी तक ताजा हैं

सुबह से शाम होने को हैं तेरी यादें अभी तक ताजा हैं, 
तू अगर नही आया तो पूनम का चाँद आ जाएगा। 
मैं नही चाहती कोई और ठहरे मेरे पहलू में, 
ये इंतहा हैं या मोहब्बत की सजा हैं।

©लक्ष्मी मौर्या (भूमिका)
  #surya subah se shaam hone ko hai.

#surya subah se shaam hone ko hai. #ज़िन्दगी

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