केरल शिक्षित वर्ग में, घटना के संदर्भ में; मानवता मर मिट गयी,इक हथिनी के गर्भ में। भूखी प्यासी घुम रही थी, वो जंगल के तीर; दिखा फल अननास का,हुई भूख से अधीर। किसी घृणित खेल की ,थी न उसे आस; फल से भूख मिटा लूं, किया उसने प्रयास। फल में था विस्फोटक, हुआ विस्फोट झकझोर; घायल हथिनी भागी,जल संचित था जिस ओर। जल की शीतलता भी,बचा न पायी लाज; गर्भवती वो चल बसी, देखता रहा ये निर्लज्ज शिक्षित समाज।। ✍️-अमरदीप #RIPHUMANITY #समाज #बर्बरता Mohd Aszad 🤝👍🌹🤲❤7533039510❤🤲👍🌹🤝 अनिल प्रजापति मेनबारा