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टूटा दिल Day 04 जल बुझे सब ख्वाब मेरे। राख बन उड़

टूटा दिल Day 04 जल बुझे सब ख्वाब मेरे।
राख बन उड़ पड़े हवा बनके।

पाने तुझे निकला ही मैं था।
मेरी चाहत की थी तु एक नई दिशा।
मंजिल थी तु ,पर दिखता न था रास्ता।
न भुख की खबर, निकल पड़ा था प्यासा।
कुछ ही कदम चला तो था ।
वक़्त ने ऐसा उठाकर पटका।
चुर- चुर हुए ख्वाब कांच से।
दिल थम गया उस पल में।
जितना जिया ,पा न सका हकीकत में।
जल बुझ गए सब ख्वाब मेरे। #टुटादिल
#जिंदगी
#अल्फाज
टूटा दिल Day 04 जल बुझे सब ख्वाब मेरे।
राख बन उड़ पड़े हवा बनके।

पाने तुझे निकला ही मैं था।
मेरी चाहत की थी तु एक नई दिशा।
मंजिल थी तु ,पर दिखता न था रास्ता।
न भुख की खबर, निकल पड़ा था प्यासा।
कुछ ही कदम चला तो था ।
वक़्त ने ऐसा उठाकर पटका।
चुर- चुर हुए ख्वाब कांच से।
दिल थम गया उस पल में।
जितना जिया ,पा न सका हकीकत में।
जल बुझ गए सब ख्वाब मेरे। #टुटादिल
#जिंदगी
#अल्फाज
disha6973754136217

Disha😊

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