एक आम इंसान...... एक आम इंसान... मैं क्या हूँ समझाऊँ कैसे, क्या कर सकता हूँ बतलाऊँ कैसे... मुझमें कितनी स्किल है ये बताना मुश्किल है, कोई साथ नहीं मेरे सब पैसों में अवेलेबल हैं, कुछ करके मैं दिखलाऊँ कैसे घर में नहीं मेरे इतने पैसे, अमीर बाप के बिगड़े शहजादे जब कुछ अच्छा सा कर जाते, लोग खुश होते और तालियाँ बजाते पर वो सारे ये नहीं देख पाते, मुझ जैसे लोग जो कुछ भी कर सकते हैं,