मै ना दिखता कोन हूं ? ना ही कोई सोचता इतना की कोन हूं ? आपके निरोग का एक नींव हूं । दर्द से आजाद होने का मुस्कान हूं ।। लोग प्यार से कुछ भी बोल जाते है , पर क्या करे , अपने सोच को हम नीचे नहीं लाते ।। ना सरकार से कोई उमिद है , ना ही यहां की सोच से , उम्मीद भी करू तो क्या करू ? हम अपने काम से जाने जाते , पर क्या करे साहेब , हम अपने काम को ही नहीं पहचान पाते ।। दूर देशों से बस , एक संदेशा सुन लेते है । हम अपनी पहचान उन्हीं से जोड़ कर खुश हो लेते है ।। सफर अभी बाकी है , हमे अपने काम की , एक पहचान देना बाकी है ।। #pharmacist #meditation #medicine #poetry #quotes