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मेरे दिल में हो तुम, और मेरे ख्यालों में भी तुम ही

मेरे दिल में हो तुम,
और मेरे ख्यालों में भी तुम ही।
मेरी आंखों में हो तुम,
और मेरे हर एहसाह में भी तुम ही।
मेरी धड़कन में हो तुम,
और मेरी सांसों में भी तुम ही।
मेरे रातों का शुकून हो तुम,
और मेरे सुबह की ताज़गी भी तुम ही।
मेरी कमज़ोरी हो तुम,
और मेरी सबसे बड़ी हिम्मत भी तुम ही।
वक्त को मोड़ दूं, 
अपनी सांसों को भी छोड़ दूं,
तुम्हें प्यार करूं इतना की सारी हदें तोड़ दूं।
तुमसे अब दूर रहा नहीं जाता ,
अब तो मेरे लिए
मेरी सांसों से भी ज़्यादा ज़रूरी हो तुम ही।

©Abhinav Jha
  #Dilsepoetry
abhinavjha3904

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