फूल के साथ काँटे भी है, जीवन की इस बगिया में। सुख के साथ दुःख भी है, हँसी के साथ रुदन भी है, जीवन की इस बगिया में। निद्रा के साथ जागरण भी है, 'नेह' के साथ बिछोह भी है, जन्म के साथ मरण भी है, जीवन की इस बगिया में। विध्वंस के साथ सृजन भी है, निराशा के साथ आशा भी है, माटी के साथ कुंदन भी है, जीवन की इस बगिया में। कलरव के साथ मौन भी है, अपूर्ण के साथ पूर्ण भी है, जीवन की इस बगिया में। #जीवन धारा #yourqutedidi #yourvalue