बैठेंगे साथ में फिर से,,, कभी किसी रोज... हाथ में जाम लेकर,,, फिर से वही रंगीन श्याम लेकर... तू चुप रहना बस,,, में भी तुझे देखता रहूंगा... सांसें चलती रहेंगी सीने में आंधिया बन कर।।। किस्से उठेंगे तेरे मेरे महफिल में,,, लोग बातें करेंगे हमारी हजारों कहानियां बना कर... कुछ तेरी मेरी होंगी तो कुछ बनी बनाई होंगी कोन जाने किसको क्या मिलेगा तुझे मुझे दोबारा मिला कर... ©Neil Thakur #Hum #tum #shayari_maniac #alone #musafir #OneSeason