मुस्कराहट मे छिपे ग़मों को पहचानना मुस्कराकर मिले जब हम उनसे तो वो भी बोल बैठे क्यों फिर कोई ग़म मिला है क्या तुम्हें? ©Khushboo Upadhyay #Smile +silent sad