इबादत की खुदा मान, मन्नतों में मुझे ही माँग लिया जार-जार रोई 'आँख' उसकी, मुस्कान का ताज दिया गिर गया हो 'फूल' डाली से हो गई वो यूँ सबसे जुदा पत्थर ये हीरा हो गया, उसके लिए 'मैं' ख़ुदा हो गया वक़्त दिया, इज्ज़त दी, प्रेम का पावन एहसास दिया तोहफ़ा-ए-मोहब्बत में उसने तन मन सब वार दिया समझा एक हद से ज्यादा, इस नासमझ को यूँ उसने काँटों को चुना, छू कर मुझे यूँ उसने गुलाब कर दिया — % & ♥️ Challenge-840 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Teddy Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।