आज जव अलमारी खोलकर मैंने उसे साफ किया था, सफाई करते हुए मूझे कुछ ऐसा मिला था, जिसे देखकर मेरी यादें ताजा हो गईं, वो तुम्हारे प्यार का पहला नजराना था, वो फूल तो सूख गया,मगर मेरी यादें ताजा हो गईं, क्योंकि जिसे मैंने दिल दिया था, वो एक धोखेबाज निकला था,, आज अलमारी,,,,,,,,, तृप्ति वाष्र्णेय राजेश्वरी ©Trapti Varshney आज अलमारी खोली///तृप्ति वाष्र्णेय राजेश्वरी//// #Drops