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चाय सी नशीली हो तुम, बाखुदा अलबेली हो तुम, उलझी सी

चाय सी नशीली हो तुम,
बाखुदा अलबेली हो तुम,
उलझी सी एक पहेली हो तुम,
जुदा ना कभी होने वाली मेरी सच्ची सहेली हो तुम,  नई नवेली ही रहना, शायर की सुर-साज सी सुरीली हो तुम

©अनुराग अचल
  #chai_love