मेरा इश्क वही होगा। कल बरसात का पानी थम जायेगा, सावन का महीना भी जायेगा, ये हरा भरा सा मौसम भी कल सूना - सूना हो जायेगा, इन हरे दरख्तो के पत्ते भी शायद कल कुम्हला जाएं, कुछ भी हो जाए दुनिया मे पर मेरा इश्क वही होगा। जो कल साथ था शायद वो आज विछड़ जाये, तेरी यादों के आसूं इतने है शायद कोई दरिया भर जाए, कल देखा था इक फूल खिला था वो भी अब शायद सूखा होगा, पर मेरा तुझसे वादा है मेरा इश्क वही होगा। जो शुरू हुआ वो खत्म हुआ ये भी इक अलग कहानी है, जो तूने दिये है दर्द मुझे वो इश्क की मेरे निशानी है, जा तू जहाँ रहे आबाद रहे मेरी दुआ तेरे साथ रहे "अरु" की खामोश निगाहों में तेरा ही सितम कहीं होगा, पर मेरा तुझसे वादा है मेरा इश्क वही होगा। अरुण कुमार "अरु" मेरा #इश्क वही होगा। अरुण कुमार "अरु"