कलुषित और अधर्मी गिद्धों, वहशी दरिंदों नीचों को। आज धरा रोती है देखो, देखकर कुत्सित पूतों को। मानवता शर्मशार हो गई, घूमें वहशी शहरों में। प्रशासन निर्लज्ज खड़ा है, डाल बेड़ियां पैरों में। धृतराष्ट्र के राज्य में फिर से, भीष्म पितामह मौन हुए। दुशासन व दुर्योधन सकुनी, राक्षस फिर से प्रौढ़ हुए। लव जिहादियों की करतूतें, देख के रूहें कांप गईं। लेकिन क्या ये प्रेम दीवानी, महिलाएं यह भांप गईं। कोई जाति व धर्म वर्ग का, जो यह गर्हित कार्य करे। जनता और प्रशासन सत्ता, ना उस पर व्यापार करें। मोमबत्ती व शोक प्रकट कर, मत कुकृत्य यह सहन करो। जिस घर में रावण बैठा है, उस लंका को दहन करो। #jasticeformanisha #मौर्यवंशी_मनीष_मन #love_zihad #लव_जिहाद