#OpenPoetry मेरी जान तमन्ना मेरी चाहत हो तुम ख़ामोशी में चुभती हुई आहट हो तुम भूल ना तुम को अब मुमकिन नहीं जाना दिल रुबा जान ए जिगर क्लब की राहत हो तुम इन चहकती हुई चिड़ियों की चहक हो तुम सब्ज़ फूलो में जो आती है महक हो तुम तुम हें पाने की बस एक तमन्ना अभी बाकी है चौदहवी चाँद के माथे की चमक हो तुम YaSir_khAn #Lovepoetry #Hotum