मैं ठहरा या उड़ता भटकता परिंदा रहूँ! मग़र कोशिश यही है कि बस ज़िंदा रहूँ! वक़्त के साथ तुम मुझे भुला दोगे साथियों मग़र; मेरी तो चाहत है, मैं सबके दिल का बाशिंदा रहूँ! #दोस्त #बाशिंदा #परिंदा