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White कोई कैसे जीते जालिम जमाने से कि अपने ही लगे

White कोई कैसे जीते जालिम जमाने से
कि अपने ही लगे पड़ें हैं 
अपनों कि लाश गिराने में 

कोई कैसे जिए 
 इन बेबस दुखी नासूर अत्याचारों से 
कि खूनी दरिंदे बने हुए हैं 
अपने ही परिवारों में

""""किस्मत को मंज़ूर यही था जीती बाज़ी हार गए 
लड़ते रहे हम तूफानों से और वो दरया पार गए""""

,,,,,,जब किसी की इच्छा या चाह ही नहीं है ,,,
तो
मैं जीतकर भी ,,,,क्या करू ,,,..!!!???!!!

©Rakesh frnds4ever
  #कोई  #कैसे जीते #जालिम  #जमाने से
कि अपने ही लगे पड़ें हैं 
अपनों कि #लाश  गिराने में 

कोई कैसे जिए 
 इन बेबस दुखी #नासूर  अत्याचारों से 
कि खूनी दरिंदे बने हुए हैं 
अपने ही #परिवारों में

#कोई #कैसे जीते #जालिम #जमाने से कि अपने ही लगे पड़ें हैं अपनों कि #लाश गिराने में कोई कैसे जिए इन बेबस दुखी #नासूर अत्याचारों से कि खूनी दरिंदे बने हुए हैं अपने ही #परिवारों में #कविता #rakeshyadav #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever

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