-- कविता -- इंसानी जाति का कुछ तो लिहाज होना चाहिए। रहनुमाओं को नहीं इतना हैवान होना चाहिए। राष्ट्र निर्माता ही आज उपचार बिन मर जाते हैं, सब अधिकार भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ जाते हैं। हाकिमों के अंदर कुछ तो ईमान होना चाहिए।। कुछ तो कद्र कर उसके नन्हें बच्चों और परिवार की, नहीं रहा अब वह जिससे उन्हें आस थी। चमन को नहीं इस तरह शमशान करना चाहिए।। कवि,लेखक,पत्रकार,समाजसेवी और चित्रकार, अगर करें कोई सवाल तो दंड मिलना चाहिए। यही आका का फरमान है,चंद अमीरों का जो दरबान है। सत्ता का नहीं किसी को इतना अभिमान होना चाहिए।। मुल्क में चैनो अमन और बराबरी का राज हो, जहां शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार सबका अधिकार हो। ऐसे समाज का अब निर्माण होना चाहिए।। ©Devendra Vijaure देवेन्द्र कविता #Darknight