क्यों एक दिवस में मुझे बाँधा गया? साधना हूँ मगर क्यों न साधा गया? निज भाषा हूँ मैं फिर मेरे ऊपर क्यों? अन्य भाषा का बोझ यूँ लादा गया। ©Shilpi Singh #हिंदीदिवस #हिंदीनोजोटो #नोजोटो#हिंदीदिवसकविता