(काविश=प्रयत्न, इमरोज़=आज) जुनून ऐ काविश दिखाएंगे उनको हाल ए भी सुनाएंगे उनको मिलेंगे इमरोज़ हम बता देंगे ये दिल हार चुका है इसे लुटा देंगे written by moinkhan writing thoughts imroz e kefiyat