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२२ मार्च २०२०, कल के उस दिन में, मंज़र ख़ूबसूरत देखा

२२ मार्च २०२०,
कल के उस दिन में,
मंज़र ख़ूबसूरत देखा।
रस्ते ख़ाली थे, शहर भर सन्नाट था,
पर पडोसी को पडोसी से मिलते देखा।

एक मंज़िल पर घर हैं चार ,
खुल गए चारों दरवाज़े,
तो मंज़िल को, मोहल्ला बनते देखा।
बच्चों की किलकारियाँ गुंजी,
नाती-पोतों ने कहानियां सुनी,
शहर में गाँव देखा।

डर हर दिल में है,
ख़ौफ़ मरने का सबको है,
पर दूरसे  से ही सही,
एक दूसरे को देख मुस्कुराते हुए,
हिम्मत बढ़ाते देखा।

कल उस दिन में,
मंज़र ख़ूबसूरत देखा,
पहली ख़ुदा इंसान में, और
फिक्र-ए-महोब्बत को बहते देखा।

एक मंज़र ख़ूबसूरत देखा।

- Anup Shah २२ मार्च का दिन

#life #time #journey #people #love # neighborhood #poetry #passion #emotion #affection
२२ मार्च २०२०,
कल के उस दिन में,
मंज़र ख़ूबसूरत देखा।
रस्ते ख़ाली थे, शहर भर सन्नाट था,
पर पडोसी को पडोसी से मिलते देखा।

एक मंज़िल पर घर हैं चार ,
खुल गए चारों दरवाज़े,
तो मंज़िल को, मोहल्ला बनते देखा।
बच्चों की किलकारियाँ गुंजी,
नाती-पोतों ने कहानियां सुनी,
शहर में गाँव देखा।

डर हर दिल में है,
ख़ौफ़ मरने का सबको है,
पर दूरसे  से ही सही,
एक दूसरे को देख मुस्कुराते हुए,
हिम्मत बढ़ाते देखा।

कल उस दिन में,
मंज़र ख़ूबसूरत देखा,
पहली ख़ुदा इंसान में, और
फिक्र-ए-महोब्बत को बहते देखा।

एक मंज़र ख़ूबसूरत देखा।

- Anup Shah २२ मार्च का दिन

#life #time #journey #people #love # neighborhood #poetry #passion #emotion #affection
anupshah9555

Anup Shah

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