यह नफरतों की आग आखिर लगाई किसने दिलों में एक दूसरे के लिए यह गंदगी भरी किसने नेता अपने लाभ की रोटियां सेकते हैं कुछ भी करवाओ गांधी यह फेंकते हैं आखिर कब तक इनकी बातों से भरमाओगे इन नेताओं को कभी इस कश्ती पर तो कभी उस कश्ती पर सवार पाओगे दिलों में भरकर इतनी नफरतें तुम जाओगे कहाँ राम-खुदा को नफरत भरे जहां में पाओगे कहाँ सबको अपनी मेहनत की सूखी रोटी खानी है फिर दो दिन के खातिर क्यों लड़ाई करवानी है क्या खुश रहोगे खाक में मिला कर देश को अपने जो तुम्हारा सहारा है भूलना नहीं वतन के लोगों मेरे जो बर्बाद करोगे वह तुम्हारा ही है आखिर चल क्या रहा है? #हाल_ए_देश #नफरतें #राम_खुदा #अनाम #गढ़वालीगर्ल