मां की छाया में यहाँ हुँ इधर चला आया। कितनी मुद्दत के बाद घर चला आया। खुशी के पल सुनहरे हो गए मां की गोदी मे आने से सहर चला आया। ख्वाइसे ओर भी बङ गई मेरी दीदार करने से तेरा एक ओर पहर चला आया। आँचल के ठंडे झरौके मिले जब सरस मां तेरी डगर चला आया। सरस कुमार I love mom