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हिंदी दिवस प्यार की कोई भाषा नहीं होती ना ही कोई

हिंदी दिवस   प्यार की कोई भाषा नहीं होती ना ही कोई जात ,धरम होता है।
कहने को तो सिर्फ  ढाई अक्षर होते है प्रेम में,
मगर इसका अर्थ अनमोल होता है।
प्रेम के अनेक स्वरूप दिखते है इस दुनिया में,
एहसास और  विश्वाश ये दोनों जिसकी निब है।

एहसास जो कोसो दूर रहकर भी उस इंसान और उसके दर्द को महसूस कर ले।
विश्वाश वो है जो पत्थर को भी अपने प्रेम से मूर्ति करदे।

बस मेरे लिए यही प्यार है।।
#Asmita #प्यार की परिभाषा
हिंदी दिवस   प्यार की कोई भाषा नहीं होती ना ही कोई जात ,धरम होता है।
कहने को तो सिर्फ  ढाई अक्षर होते है प्रेम में,
मगर इसका अर्थ अनमोल होता है।
प्रेम के अनेक स्वरूप दिखते है इस दुनिया में,
एहसास और  विश्वाश ये दोनों जिसकी निब है।

एहसास जो कोसो दूर रहकर भी उस इंसान और उसके दर्द को महसूस कर ले।
विश्वाश वो है जो पत्थर को भी अपने प्रेम से मूर्ति करदे।

बस मेरे लिए यही प्यार है।।
#Asmita #प्यार की परिभाषा
asmitarana1091

Asmita Rana

New Creator
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