कर्मों की सज़ा
भोज के लिए एक व्यक्ति ने एक बार एक बकरे की बलि चढ़ाने की तैयारी आरम्भ की। उसके बेटे बकरे को नदी में स्नान कराने ले गये। नहाने के समय बकरा एकाएक बडी जोर से हँसने लगा; फिर तत्काल दुःख के आँसू बहाने लगा। उसके विचित्र व्यवहार से चकित हो कर बेटों ने उससे जब ऐसा करने का कारण जानना चाहा तो बकरे ने कहा कि कारण वह उनके पिता के सामने ही बताएगा।
व्यक्ति के सामने बकरे ने यह बतलाया कि उसने भी एक बार एक बकरे की बलि चढ़ायी थी, जिसकी सज़ा वह आज तक पा रहा था। तब से चार सौ निन्यानवे जन्मों में उ #Karma#story#Spirituality#Consciousness #Krishna#me#radhekrishna