"मेरी प्यारी हिंदी" हिंदी.. मेरी प्यारी हिंदी भारतवर्ष का 'मान-सम्मान' तू हिन्दी देश-विदेश में भारत की पहचान तू हिन्दी भारतीय इतिहास की 'स्वर्णिम गाथा' तू हिन्दी अस्तित्व की लड़ाई लड़कर,अपने दम पर कायम तू हिन्दी भारतीय भाषा परिवार की 'मुखिया' तू है असंख्य मानव विचारों के,भावों के आदान-प्रदान का माध्यम तू है 'शिरोरेखा का ताज़' सजाकर,उदार हदय तू रखती है 'छोटा अक्षर' और 'बड़ा अक्षर' का भेद नहीं करती है 'आधा वर्ण' जो आ जाता है झट से 'पूर्ण वर्ण' का सहारा देती सब को साथ लेकर चलने की सीख तू देती है 'ऑ' को तू ने अपनाया है,अपना हिस्सा बनाया है 'गैरों'को गले लगाने की शिक्षा भी तू देती है कभी किसी को छोटा मत समझो,महत्व सभी का होता है यह तू अच्छे से सिखलाती है 'अल्पविराम' को तेरे जो न समझे क्षण में अर्थ का अनर्थ वो कर दे मन की भावनाओं की श्रेष्ठ अभिव्यक्ति तेरे बिना नहीं हो सकती है माता-पिता,गुरु,बड़े जनों का तू पूरा आदर है करती है हिन्दी...मेरी प्यारी हिंदी देश के हर जन के तू मुँह पर है फबती राष्ट्रभाषा के पद पर अप्रतिम शोभायमान लगती तभी तो हर मुख है कहता... देश की शान है हिन्दी...भारत की पहचान है हिन्दी...! "मेरी प्यारी हिंदी" हिंदी.. मेरी प्यारी हिंदी भारतवर्ष का 'मान-सम्मान' तू हिन्दी देश-विदेश में भारत की पहचान तू हिन्दी भारतीय इतिहास की 'स्वर्णिम गाथा' तू हिन्दी अस्तित्व की लड़ाई लड़कर,