क्या हुआ गर वो किसी ओर की अमानत है!! उसका प्यार बेखबर की ताउम्र हिफाजत है इतना चाहने पर जुदाई की सजा मुकर्रर हुई! रिहाई न मिल सकी मिली सिर्फ जमानत है!! बेखबर जमानत