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......................... ©Prashant Shakun "कातिब

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©Prashant Shakun "कातिब"
  उस दिन इतवार था मेरी ऑफिस की छुट्टी थी मैं अपनी मर्ज़ी से उठा 11 बजे और मुझे नाश्ते में मिले आलू के पराठे जिन्हें बनाने के लिए वो उठी थी सुबह छः बजे और खाकर मैं निकल गया पूरे दिन के लिए दोस्तों के साथ क्यूँकि आज संडे है, शाम को घर आकर फरमाइश की कि आज संडे है तो कुछ स्पेशल बनाया जाए फ़रमाइश पूरी हुई रात के खाने में तीन तरह की सब्ज़ी रोटी दाल चावल और खीर मिली कमरे में गया तो सुबह के लिए पैंट शर्ट इस्त्री किये हुये हैंगर में लटके मिले, घड़ी, रुमाल, जूते सब तरतीब से अपनी अपनी जगह मिले। 
और सारा काम निपटाने के बाद लगभग साढ़े ग्यारह पौने बारह बजे वो कमरे में दाखिल हुई चेहरे पर मुस्कान लिए हाँ वो बाथरूम में चेहरा धोते समय अपनी सारी थकान बहा आई थी और चिपका आई थी सुबह के लिए ज़िम्मेदारियाँ वहीं आईने पर, पर फिर भी एक ख़ुशी थी उसके चेहरे पर कि आज संडे था और वो आधा घंटा ज़्यादा सो पाई थी।

Background Pic: Google Search

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उस दिन इतवार था मेरी ऑफिस की छुट्टी थी मैं अपनी मर्ज़ी से उठा 11 बजे और मुझे नाश्ते में मिले आलू के पराठे जिन्हें बनाने के लिए वो उठी थी सुबह छः बजे और खाकर मैं निकल गया पूरे दिन के लिए दोस्तों के साथ क्यूँकि आज संडे है, शाम को घर आकर फरमाइश की कि आज संडे है तो कुछ स्पेशल बनाया जाए फ़रमाइश पूरी हुई रात के खाने में तीन तरह की सब्ज़ी रोटी दाल चावल और खीर मिली कमरे में गया तो सुबह के लिए पैंट शर्ट इस्त्री किये हुये हैंगर में लटके मिले, घड़ी, रुमाल, जूते सब तरतीब से अपनी अपनी जगह मिले। और सारा काम निपटाने के बाद लगभग साढ़े ग्यारह पौने बारह बजे वो कमरे में दाखिल हुई चेहरे पर मुस्कान लिए हाँ वो बाथरूम में चेहरा धोते समय अपनी सारी थकान बहा आई थी और चिपका आई थी सुबह के लिए ज़िम्मेदारियाँ वहीं आईने पर, पर फिर भी एक ख़ुशी थी उसके चेहरे पर कि आज संडे था और वो आधा घंटा ज़्यादा सो पाई थी। Background Pic: Google Search #स्त्री_जीवन #स्त्रीएवंस्त्रीत्व #आधे_घंटे_का_इतवार #पत्नी_बहन_मां #प्रशान्त_के_विचार #pshakunquotes #pशकुन #Thoughts

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