दरवाज़े तक छोड़ने तो आयी थी उसे सोचा कुछ देर वहीं कुछ बाते हो जाएगी अंदर सब के साथ कुछ बात हुई भी तो नही थी मगर दरवाज़े पर रुके बिना वो अपनी कार की ओर यूँ बढ़ गया जैसे कोई सरोकार ही न रहा हो मुझसे बेमन से मैं पलटी तो देखा पीछे जीजाजी खड़े थे अब उसकी बेरुखी समझ गयी और घर के भीतर चली गई जाने क्यों कुछ रिश्तें हमेशा अधूरे ही रहते है देखा नहीं पलट कर' एक शिकायत लिखें। #dekhanahin #yqbhaijan #yqdidi #yqbaba #collab #YourQuoteAndMine