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मेरी हमसफ़र भी तू , हमनवा भी तू ही मेरी मंजिल भी

मेरी हमसफ़र भी तू  , हमनवा भी तू ही

मेरी मंजिल भी तू , रास्ता भी तू ही 

मेरी हमकदम भी तू , हमराज भी तू ही ।

( Full Poem Read In Caption)
 मेरी हमसफ़र भी तू  , हमनवा भी तू ही 
मेरी मंजिल भी तू , रास्ता भी तू ही 
मेरी हमकदम भी तू , हमराज भी तू ही ।

   मुझे गिराया भी तूने और फिर संभाला भी तुने ही।।
कभी मांझी बन साहिल तक पहुंचाया तूने ही ,
तो कभी शिक्षक बन सिखाया भी तूने ही ।
मेरी हमसफ़र भी तू  , हमनवा भी तू ही

मेरी मंजिल भी तू , रास्ता भी तू ही 

मेरी हमकदम भी तू , हमराज भी तू ही ।

( Full Poem Read In Caption)
 मेरी हमसफ़र भी तू  , हमनवा भी तू ही 
मेरी मंजिल भी तू , रास्ता भी तू ही 
मेरी हमकदम भी तू , हमराज भी तू ही ।

   मुझे गिराया भी तूने और फिर संभाला भी तुने ही।।
कभी मांझी बन साहिल तक पहुंचाया तूने ही ,
तो कभी शिक्षक बन सिखाया भी तूने ही ।