खुली किताब सा हूँ, मैं अपनों में हर किस्सा, हर पन्ना खोल देता हूँ। और झूठ बोलना फ़ितरत में नहीं मेरी, पर, जब कोई पूछ लेता है ख़ैरियत, तो झूठ बोल देता हूँ। #shayar #poetry #ऐबी